Thursday 12 July 2018

मृग मरीचिका



उस सूखती नदी के रेतीले तट पर
 नहीं डूबी मैं
रेत में भला कोई डूबता है
फिर भी  डूब ही तो गई
उस घनी चमकती रेत से उपजी
मृग मरीचिका में !

                         कैलाश नीहारिका 

2 comments: