सौदाई बने जो सौदागर नहीं थे
शैदाई सही वे पेशावर नहीं थे
जो सच में सिरजते थे उम्दा विरासत
वे बेघर मुसाफिर जोरावर नहीं थे
मामूली रहा जिनका होना यहाँ पर
वे मज़बूर सनकी कद्दावर नहीं थे
उन्हें भी किसी से मोहब्बत हुई थी
वे अपनी बला के चारागर नहीं थे
कोई क्या समझता नादानी भरी जिद
वे जश्ने चमन के दीदावर नहीं थे
-- कैलाश नीहारिका
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