इससे पहले कि
आँखों और ओठों से बाहर आते-आते
मोहक मुस्कान
किसी को विभोर कर
अपना विस्तार कर सके
वह झट चेहरे पर पसरी
इर्द-गिर्द की रेखाओं में
बिला जाती है।
मुस्कान के विलुप्त होने का रहस्य
मुस्कान के विलुप्त होने का रहस्य
गहरा जुड़ा है बन्द मुट्ठियों से
जो खाली हैं
पर, भरी होने का भ्रम देती हैं ।
तोड़ ही दूँगी यह भ्रम
खोलकर खाली मुट्ठियाँ
तेरी ओर बढ़ने को
तुम्हें भींच सकने को !
तुम्हें भींच सकने को !
कैलाश नीहारिका
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 22 जून 2022 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
अथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
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पुन: भेंट होगी...
बहुत ही शानदार और सराहनीय प्रस्तुति....
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