अनकहे कह दी मुक़म्मल बात उसने
इस तरह साझे किये जज़्बात उसने
साफगोई सिर्फ़ किस्सों में नहीं थी
की हक़ीकी राजदां-सी बात उसने
क्या कहे वादे अधूरे रह गए जो
हस्तियों की देख ली औकात उसने
हस्तियों की देख ली औकात उसने
बदगुमां-सी महफ़िलों का दौर हरसू
दर्ज की अब रहनुमा की छाप उसने
दर्ज की अब रहनुमा की छाप उसने
मतलबी इस दौर में मजलिस सरीखे
रात-दिन देखे कई हालात उसने
कैलाश नीहारिका
रात-दिन देखे कई हालात उसने
कैलाश नीहारिका
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