दंडधारी खेमेबाज़
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सुनो नव कवि
इस मायावी हाट-बाज़ार में
चौकस रहकर
चौतरफ़ उपस्थित अनदिखे
विशाल ख़रीदार हाथों का
संज्ञान लेना।
वे दंडधारी खेमेबाज़
वे दंडधारी खेमेबाज़
कैसे भी शब्दजाल से
इंद्रधनुषी प्रलोभनों से
या शुद्ध आक्रामकता से कूट-पीटकर
जकड़ ही लेंगे अपने प्रभा केंद्र में
खींच लेंगे नये बन्धक को
अपने खेमे में ।
सुनो प्रिय नवांकुर
मत झेलना
उनके तहखानेदार
खींच लेंगे नये बन्धक को
अपने खेमे में ।
सुनो प्रिय नवांकुर
मत झेलना
उनके तहखानेदार
खेमों की दुर्गन्ध को।
दूर रहना उनसे
दूर रहना उनसे
ताज़ा हवाओं का आह्वान करना
नित्य-नवीन का आशीष ओढ़े
नित्य-नवीन का आशीष ओढ़े
सींचते हुए स्वयं ही
हरा-भरा रखना
अपनी अनन्त संभावनाओं को।
अपनी अनन्त संभावनाओं को।
देखना एक दिन
दुलारेगा तुम्हें अद्भुत स्पन्दन
निर्विकल्प विस्मयकर !
दुलारेगा तुम्हें अद्भुत स्पन्दन
निर्विकल्प विस्मयकर !
-- कैलाश नीहारिका
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