212 222 1222
खास पल ही कोई रहा होगा
आपसे हाले-दिल कहा होगा
काश सपने भी परवरिश पाते
किस तरह जाने सब सहा होगा
देखके उसकी रंगतो-ख़ुशबू
गुफ़्तगू-भर शहद घुला होगा
फिर निगाहों से थामकर वादा
पास चुपके-से रख लिया होगा
एक शोले को मानकर जुगनू
आग से क्या कोई बचा होगा
कैलाश नीहारिका
खास पल ही कोई रहा होगा
आपसे हाले-दिल कहा होगा
काश सपने भी परवरिश पाते
किस तरह जाने सब सहा होगा
देखके उसकी रंगतो-ख़ुशबू
गुफ़्तगू-भर शहद घुला होगा
फिर निगाहों से थामकर वादा
पास चुपके-से रख लिया होगा
एक शोले को मानकर जुगनू
आग से क्या कोई बचा होगा
कैलाश नीहारिका
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