कभी जब
तीर के सौन्दर्य का
गान गाऊं इतरा कर
मुझे समझाना मत
प्रत्यंचा से छूटते उस शस्त्र की बारीकियाँ
सरल अर्थ उसकी तीखी धार के
समझ ही जाऊँगी अपने-आप
सीना बिंध जाने पर !
कैलाश नीहारिका
' धारा को रोकते नहीं पहाड़ ' से
तीर के सौन्दर्य का
गान गाऊं इतरा कर
मुझे समझाना मत
प्रत्यंचा से छूटते उस शस्त्र की बारीकियाँ
सरल अर्थ उसकी तीखी धार के
समझ ही जाऊँगी अपने-आप
सीना बिंध जाने पर !
कैलाश नीहारिका
' धारा को रोकते नहीं पहाड़ ' से