212 2212 2212
दिन बदल जाते बहुत मुश्किल न था
वे सँभल पाते बहुत मुश्किल न था
ख्वाहिशों के सब परिंदे पस्त हैं
काश उड़ पाते बहुत मुश्किल न था
दूरियों तक फ़ैल ही जाता धुआँ
साँस ले पाते बहुत मुश्किल न था
क्यों नहीं मिल बोल लेतीं चाहतें
बात कह पाते बहुत मुश्किल न था
अश्क़ समझाते कभी बेचैनियाँ
वे समझ जाते बहुत मुश्किल न था
धूल के ज़र्रे उड़े आकाश में
कुछ नमी लाते बहुत मुश्किल न था
दिन बदल जाते बहुत मुश्किल न था
वे सँभल पाते बहुत मुश्किल न था
ख्वाहिशों के सब परिंदे पस्त हैं
काश उड़ पाते बहुत मुश्किल न था
दूरियों तक फ़ैल ही जाता धुआँ
साँस ले पाते बहुत मुश्किल न था
क्यों नहीं मिल बोल लेतीं चाहतें
बात कह पाते बहुत मुश्किल न था
अश्क़ समझाते कभी बेचैनियाँ
वे समझ जाते बहुत मुश्किल न था
धूल के ज़र्रे उड़े आकाश में
कुछ नमी लाते बहुत मुश्किल न था
भीगते-से बोल जो झुठला गए
सच उगल पाते बहुत मुश्किल न था
कैलाश नीहारिका
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