गले पड़े जो ढोल बजाना मत
खुले अगर कुछ पोल छुपाना मत
छुई-मुई मालूम नहीं कब तक
रचे-बसे दिल खोल चिढ़ाना मत
अभी-अभी इक बात समझ आई
हँसी बहुत अनमोल रुलाना मत
बड़ी-बड़ी बातें करते-करते
रटे-रटाए बोल सुनाना मत
अजब-गज़ब कारज करना वाज़िब
घिसा-पिटा-सा रोल निभाना मत
उसे नहीं मालूम कहे कब क्या
हँसी-ठिठोली में उलझाना मत
लिया-दिया तो रंग दिखाएगा
कहे-सुने पर बात बढ़ाना मत
कैलाश नीहारिका
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