मुझे समझाया गुरु ने
जिल्द पर मत जाना
वह बताती नहीं मजमून भीतर का
उन्हें मत सुनना जो कहें --
' हम तो वे हैं जो
मजमून भाँप लेते हैं लिफाफा देखकर '
जिल्द पर ही नहीं
पृष्ठों पर भी मत जाना
और मत जाना
पृष्ठों पर लिखी पंक्तियों के मात्र पठन-पाठन पर
पर्त दर पर्त वहाँ अर्थों के पट खुलते हैं
जो तय करते हैं राह ।
मैं अचम्भित रही
जिल्द नहीं, पृष्ठ नहीं
पृष्ठों पर सजी पंक्तियाँ भी नहीं
यह कैसा शब्द-भेदन है, जो कहीं और है !
मुस्कुराते हैं गुरु --
जो पुस्तक से शुरू होकर
ख़त्म हो जाए पुस्तक पर
वह जिज्ञासा नहीं ।
कहा कुछ और भी
कि ये विज्ञान को गाते जुगनू
रोशनी के महल तक जाते नहीं
बहुत भ्रामक हैं वे
चाँद-सूरज की बातें करते बहुधा
उन्हीं राहों को काट देते हैं
जो रोशन हैं सदा ।
जो रोशन हैं सदा ।
कैलाश नीहारिका